आलेख- हमर पुरखा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी डॉ खूबचंद बघेल जी के जनम दिवस विशेष
छत्तीसगढ़ राज ल अपन विचार म बसाये हमर पुरखा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी डॉ खूबचंद बघेल जी के जनम दिवस विशेष-
छत्तीसगढ़ के मनखे मन अभी के बेरा म जेन छत्तीसगढ़ ल गरव के संग छत्तीसगढ़ महतारी के नाव ले जानथन तेन राज ल बसाये के सपना देखइया हमर पुरखा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी डॉ खूबचंद बघेल जी हवय, डॉ खूबचंद बघेल जी के जनम 19 जुलाई सन 1900 म रइपुर जिला के गांव पथरी म होय रहिस, बघेल जी के ददा के नाव जुड़ावन परसाद अउ महतारी के नाव केतकी बाई रहिस, डॉ खूबचंद बघेल जी के बाबू जी ह मालगुजार के संगे-संग खेती किसानी के बुता करे, बघेल जी ह अपन नानपन ले ही बढ़ समझदार अउ ज्ञानी रहिस हे जेखर से उंखर शिक्षा कोती अब्बड़ बढ़िया रुचि रहे, अपन पढ़ाई-लिखाई के बेरा ले ही अपन देस ले मया करे अउ संग म देस सेवा के बुता म जुड़े गे रहिस हे।
खूबचंद बघेल जी के पढ़ाई अपन गावं के प्राइमरी स्कूल म अउ बाकी के पढ़ाई रायपुर के गवर्नमेंट हाई स्कूल म होइस जिनहा ले उमन ह मैट्रिक के शिक्षा पूरा करीन, खूबचंद बघेल जी ह अपन आघु के डॉक्ट्ररी पढ़ई करे बर नागपुर के रॉबर्ट्सन मेडिकल कॉलेज म दाखिला लिस।पढ़ाई म अच्छा रुचि रहें के संगे-संग खूबचंद बघेल जी ह अपन समाज के नाव घलोक आघु बढाईस अउ समाज के पहली डॉक्टरी डिग्रीधारी बनिस, ओ बेरा म जइसने परिवार के अपन अलग विचारधारा रहे जेखर से बघेल जी के बिहाव ह 10 साल के उमर म अपन ले तीन साल छोटे राजकुँवर ले होगे रहिस हे।
जइसे की डॉ खूबचंद बघेल जी के विचारधारा सुरु ले देस प्रेम के प्रति रहिस हे ओखर संग ही छत्तीसगढ़िया मन के अलग छत्तीसगढ़ के रहिस से, जेखर से सब्बो छत्तीसगढ़िया मन ल अपन बोली भासा संस्करीति ल अपनाया बर कोनो दूसर के ऊपर निरभर रहे ल झन पढ़े। मेडिल कालेज म पढ़ाई करत बघेल जी ह पढ़ाई ल अधूरा छोड़ के आजादी के लड़ाई म जुड़ के रहिस हे, ओखर बाद घर के मन के समझाई म म फेर एल.एम.पी. (लेजिस्लेटिव मेडिकल प्रक्टिसनर) नागपुर म लिस। बछर 1923 म एल.एम.पी. के परीक्षा पास करिस जेला बाद म एम.बी.बी.एस. के दर्जा दिये गिस। छत्तीसगढ़ राज के सपना के संग डॉ खूबचंद बघेल जी के विचार छत्तीसगढ़ म जात-पात म बंटे छत्तीसगढ़िया मन ल एक करे के सुरु से रहिस हे, जेखर से छत्तीसगढ़ म सब्बो छत्तीसगढ़िया एक हो सकें अउ छत्तीसगढ़ महतारी के सेवा म अपन जिनगी ल निछावर कर सकें।1956 म भेलाई के लोहा कंपनी ल बनाये बर, सरकार ह उंहा के रहियाय मनखे मन के जमीन ल कंपनी बनाये बर ले लिस फेर जब रोजगार दे के पारी आइस त बाहिर के आये मनखे मन ल नउकरी म रख लिस अइसने अन्याय ल देख के बधेल जी ल अब्बड़ दुख होइस।
छत्तीसगढ़िया मन संग होवत अन्याय ल देख के 28 फरवरी 1956 म जबर बुता कर के राजनांदगांव जिला म बड़का सम्मेलन आयोजित करिस, जेमा छतीसगढ़ी महासभा के गठन होइस जेखर अध्यक्ष डॉ खूबचंद बघेल जी ल बनाये गिस, जेमा दसरथ चौबे जी सचिव,हरि ठाकुर केयूर भूषण जी संयुक्त सचिव बनिस अउ सब्बो झन मिल के नवा छत्तीसगढ़ राज बनाये के प्रस्ताव पास करिन अउ नवा छत्तीसगढ़ राज बनाये के दिसा म आगू बढ़ीन।परदेसिया मन छत्तीसगढ़िया मन के शोषण करत देख बघेल जी अब्बड़ दुःखी होवय जेखर पीरा ह आंदोलन के संगे संग उंखर कलम म घलोक नजर अवय, बघेल जी कहे रहिस हे कि हमर भविष्य ह खराब झन होवय हम सब ल एकजुट हो कि एखर खिलाफ लड़ना हे, छत्तीसगढ़ भातृ संघ बने के बाद छत्तीसगढ़िया मन के लड़ाई तेज होइस अउ छत्तीसगढ़ के मनखे मन अपन मान सम्मान बर लड़े आघु आये ल सुरु करिन। 8 अउ 9 फरवरी 1969 म नंदिनी तीर के अहिवारा गांव म दु दिन के महाधिवेशन होइस जेमा मनखे मन के अब्बड़ भीड़ होइस, जेखर बाद छत्तीसगढ़ के सपना ल अपन अन्तस म बसाये छत्तीसगढ़ के लड़ाई ल आघु बढ़ाये बर इंहा के मनखे मन ल संउप के 22 फरवरी 1969 के सरग सिधार गिस।छत्तीसगढ़ राज बने के बाद डॉ खूबचंद बघेल जी के सपना पूरा होगे, छत्तीसगढ़िया मनखे मन ल अपन अलग छत्तीसगढ़ राज मिलगे जिन्हा छत्तीसगढ़िया मन छत्तीसगढ़ी बोली,भासा,संस्कृरीति ल आघु बढ़ाये के बुता म लग गे, संगे-संग सरकार ह बघेल जी के सम्मान म छत्तीसगढ़ राज के किसान मन ल कृषि सम्मान ले सम्मानित करे के घोषणा घलोक करिस। डॉ खूबचंद बघेल ह लेखक साहित्यकार विचारक घलोक रहिस हे, जेखर माध्यम से डॉ साहब ह छत्तीसगढ़ के मनखे मन ल जगाए के बुता करिन संग म जात-पात म बंटे मनखे मन ल एक करे के प्रयास जियत भर ले करिस।