बिलासा जयंती आज, छत्तीसगढ़िया समाज धूमधाम से मनाएंगे इस जयंती को: ठा.शैलू छत्तीसगढ़िया।

 

बिलासा जयंती आज, छत्तीसगढ़िया समाज धूमधाम से मनाएंगे इस जयंती को: ठा.शैलू छत्तीसगढ़िया।

बिलासपुर। भारत की सबसे पराक्रमी महिला, मुगल दरबार में अपने खड़ग विद्या का असाधारण प्रदर्शन करने वाली और तत्कालीन अरपा नदी के घने जंगल में विचरण करने वाले जंगली शेर और खिसा वाले हिंसक सूअर को सहज रूप से निपटाने वाली बिलासा दाई की जयंती आज है ।

उसके जयंती को मनाने के लिए छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना और छत्तीसगढ़िया समाज जी जान से जुटी हुई है और आज शाम 4 बजे शहर की शनिचरी स्थित प्रतिमा के पास एकत्र होकर उनकी जयंती में 400 दीप जलाकर याद किया जाएगा, क्योंकि बिलासपुर शहर की स्थापना उन्होंने ही आज से लगफग 400 वर्ष पहले की थी ।
इस अवसर संगठन के राजनैतिक विंग जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के जिला अध्यक्ष ठा शैलू छत्तीसगढ़िया ने बताया कि बिलासा दाई छत्तीसगढ़ ही नई अपितु पूरे संसार की सबसे पराक्रमी महिला थी, जिसने जनता के रक्षा के लिए हिंसक शेर एवं दतैल सुवर को अपने तलवार से मारकर लोगों का जीवन रक्षा किया।

 

बिलासा देवी बिलासपुर शहर की संस्थापिका थी लेकिन उनको आज भी वह वह वाजिब स्थान नहीं मिल पाया जिसके वह हकदार थी, बिलासा दाई केवल केवट समाज नहीं बल्कि हमारे पूरी छत्तीसगढ़िया समाज की आन बान शान है जिनको आज जयंती में हम सुरता नमन अर्पित करते है और छत्तीसगढ़ और भारत सरकार से मांग करते है कि उनके नाम से सर्वोच्च शौर्य पुरस्कार कि घोषणा किया जाए।

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