जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित के स्टाफ उप समिति की बैठक कलेक्टर की अध्यक्षता मे संपन्न-

जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित के स्टाफ उप समिति की बैठक कलेक्टर की अध्यक्षता मे संपन्न-

बिलासपुर \जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या० के स्टाफ उप समिति की बैठक कलेक्टर एवं प्राधिकृत अधिकारी श्री अवनीश शरण की अध्यक्षता में आयोजित की गई थी। जिसमें जिसमें उप आयुक्त सहकारिता एवं उप पंजीयक सहकारी संस्थायें बिलासपुर, सदस्य, उप संचालक कृषि, कृषि विभाग बिलासपुर, सदस्य एवं बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, सचिव के रुप में बैठक में उपस्थित हुये है। स्टाफ उप समिति के निर्णय अनुसार श्रीमती हर्षिता पटेल, कनिष्ठ लिपिक एवं श्री धर्मेन्द्र साहू, भृत्य को सेवा से पृथक कर दिया गया है। इसके साथ ही श्रीमती रुची पाण्डेय, लिपिक सह कम्प्युटर आपरेटर को निम्नतर वेतनमान में डिमोशन किया गया है। श्रीमती अनामिका साव, प्र०शा०प्र०, श्रीमती अनुपमा तिवारी, लिपिक सह कम्प्युटर आपरेटर एवं श्री अशोक कुमार पटेल, लिपिक सह कम्प्युटर आपरेटर का दो वेतन वृध्दि संचयी प्रभाव से रोका गया है। जिन कर्मचारियों के उपर कार्यववाही किया गया है, उनका विवरण निम्नानुसार है :-

 

01. श्रीमती हर्षिता पटेल (कनिष्ठ लिपिक, निलंबित): जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक नेहरू चौक बिलासपुर के खातेदार प्रार्थी रामकुमार कौशिक, के द्वारा थाना सिविल लाईन जिला बिलासपुर में लिखित आवेदन प्रस्तुत किया गया कि इसके बचत खाता कं. 10600077164 से किसी अज्ञात व्यक्ति के द्वारा दिनांक 16.04.2020 से दिनांक 16.05.2020 तक एटीएम के मध्यम से करीबन 5,57000.00 रूपये काआहरण कर लिया है कि शिकायत जांच कर दिनांक 24.06.2020 को अज्ञात व्यक्ति के विरूद्ध अपराध क्रमांक 444/2020 धारा 420 भादवि कायम का विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान जानकारी प्राप्त हुई कि बैंक के अन्य खातेदार ठाकुर राम साहू के खाता क्रं.606002095289 से 160000.00 रूपये, शिवकुमार साहू के खाता कं. 606002054965 से 60000.00 रूपये, प्रताप नाथ चड्डा के खाता कं.606002003570 से 40000.00 रूपये, तथा मथुरा प्रसाद सोनी के खाता कं.606002048319 से 40000.00 रूपये का आहरण किया गया है। जबकि उक्त पांचों व्यक्तियों के द्वारा एटीएम कार्ड के लिए एवं एटीएम कार्ड को एक्टिवेट कराने आवेदन नही दिया गया था एव ना ही एटीएम कार्ड जिला सहकारी बैंक से प्राप्त किया गया था। जांच अधिकारी के द्वारा श्रीमती हर्षिता पटेल, कनिष्ठ लिपिक (निलंबित) के विरुध्द संस्थित विभागीय जांच प्रकरण में आरोप 40 01 से 03 एवं पूरक आरोप में उल्लेखित आरोप के सिध्द पाये जाने, थाना सिविल लाईन के द्वारा विवेचना के संबंध में प्रस्तुत पत्र तथा उक्त पत्र में श्रीमती हर्षिता पटेल की स्वीकारोक्ति होने के कारण तथा एटीएम कार्ड के माध्यम से की गई गड़बड़ी की राशि जमा नही किये जाने तथा प्रारंभिक जांच एवं विभागीय जांच में प्रस्तुत प्रतिउत्तर/अभ्यावेदन समाधान कारक नही पाये जाने तथा ‘अंतरित विशेष अंकेक्षण प्रतिवेदन’ के निष्कर्ष में उल्लेखित टिप्पणी के कारण बैंक कर्मचारी सेवा (नियोजन निबंधन एवं उनकी कार्यस्थिति) नियम 1982 के नियम क0 57 (एक) गंभीर दंड अंतर्गत क० (द) में “सेवा से पृथक करना जो कि भावी नियोजन के लिये निर्हरता न होगी” दंड दिये जाने का निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया तथा एटीएम कार्ड से गड़बड़ी की राशि मय ब्याज सहित वसूली किये जाने हेतु सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 64/84 के अंतर्गत सक्षम न्यायालय में वाद दायर किये जाने का निर्णय भी सर्वसम्मति से लिया गया।

02. श्री धर्मेन्द्र कुमार साहू (नृत्य): श्री धर्मेन्द्र कुमार साहू की भर्ती के संबंध में जारी विज्ञापन दिनांक 01.01.2013 की कंडिका 05 (अ) में अभ्यार्थी छ.ग. का मूल निवासी होना आवश्यक है, इस हेतु सक्षम अधिकारी का प्रमाण पत्र आवेदन के साथ संलग्न करना अनिवार्य होगा का उल्लेख है। कार्यालयीन रिकार्ड एवं स्थापना कक्ष के द्वारा नोटशीट में उल्लेखित टीप के अनुसार श्री धर्मेन्द्र साहू के व्यक्तिगत रिकार्ड एवं नस्ती में छत्तीसगढ़ का मूल निवासी होने संबंधी प्रमाण पत्र नही पाया गया है। जांच प्रतिवेदन में जांच अधिकारी को श्री धर्मेन्द्र साहू के द्वारा दिनांक 18.07.2024 को प्रस्तुत जवाब जो कि पृष्ठ क्रं. 28 की कंडिका क्रं.05 में यह उल्लेख किया गया है कि मेरा नियुक्ति आदेश कं. 6438 दिनांक 23.02.2013 के पूर्व से ही मै छत्तीसगढ़ में निवासरत हूं जिसका प्रमाणक मेरा मतदाता परिचय पत्र, ड्राइविंग लायसेंस, बिजली बिल, आधार कार्ड, स्थानीय निवास प्रमाण इत्यादि दस्तावेजों की (छायाप्रति संलग्न) है। श्री धर्मेन्द्र साहू के द्वारा आधार कार्ड इशु डेट 17.08.2014 है। स्थानीय निवास प्रमाण पत्र दिनांक 18.07.2024 को लोक सेवा केन्द्र तहसील कार्यालय बिलासपुर में तैयार किया गया है, जो कि वर्तमान का है एवं स्थानीय निवासं प्रमाण पत्र है। जबकि विज्ञापन की कंडिका में छत्तीसगढ़ का मूल निवासी होने संबंधी प्रमाण पत्र भी नही है तथा भर्ती के कई वर्ष बाद स्थानीय निवास प्रमाण पत्र तैयार किया गया है।

रायपुर भाठागांव का नाम बदलने के विरोध में विधायक पुरंदर मिश्रा के खिलाफ FIR की मांग- जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी-

प्रारंभिक जांच अधिकारी द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन, पंजीयक सहकारी संस्थायें रायपुर के पत्र क0 2578, दिनांक 27.05.2016 एवं जांच अधिकारी एवं संयुक्त पंजीयक सहाकरी संस्थायें बिलासपुर संभाग बिलासपुर के द्वारा प्रस्तुत विशेष अंकेक्षण प्रतिवेदन क0 589, दिनांक 13.05.2016, 0 615, दिनांक 26.05.2016, क0 700, दिनांक 16.06.2016 में उल्लेखित अनुसार एवं कार्यालयीन नस्ती में श्री धमेन्द्र कुमार साहू, नृत्य के नियुक्ति के समय विज्ञापन की कंडिका क0 05 (अ) एवं शैक्षणिक योग्यता संबंधी समस्त अंकसूची झांसी उत्तर प्रदेश की होने के कारण तथा प्रारंभिक जांच अधिकारी को प्रस्तुत प्रतिउत्तर / अभ्यावेदन समाधानकारक नही पाये जाने के कारण बैंक कर्मचारी सेवा (नियोजन निबंधन एवं उनकी कार्यस्थिति) नियम 1982 के नियम क0 57 (एक) गंभीर दंड अंतर्गत क० (द) में “सेवा से पृथक करना जो कि भावी नियोजन के लिये निर्हरता न होगी” दंड दिये जाने का निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया।

सभी शासकीय वाहनों में फर्स्ट एड बॉक्स होना अनिवार्य : कलेक्टर

03. श्रीमती रुची पाण्डेय, लिपिक सह कम्प्युटर आपरेटर, तात्कालीन शाखा बस स्टैंड इनके द्वारा बैंक के विभिन्न मदों के बीजीएल खाते से अपने स्वयं के सेविंग खाता क्रमांक 106000011758 में जमा कर राशि 143988.00 रू. का गबन करते हुए बैंक को आर्थिक क्षति कारित की गई हैं। विभागीय जांच में आरोप प्रमाणित पाये जाने एवं स्वंय के द्वारा राशि जमा कराये जाने पर आरोप के प्रमाणित होने की पुष्टि होने पर स्टाफ उप समिति के द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि श्रीमती रुची पाण्डेय, लिपिक सह कप्यूटर ऑपरेटर (निलंबित) के द्वारा प्रस्तुत स्पष्टिकरण के प्रस्तुत प्रतिउत्तर, प्रारंभिक जांच में प्रस्तुत प्रतिउत्तर एवं विभागीय जांच में प्रस्तुत प्रतिउत्तर अभ्यावेदन को समाधानकारक नही पाया गया एवं विभागीय जांच में आरोप सही पाये गये तथा स्वंय के खाते में बैंक के विभिन्न बीजीएल खातों से राशि स्थानांतरित किये जाने व इसकी स्वीकारोक्ति अपने आवेदन में किये जाने के कारण व गबन की गई राशि बैंक में जमा किये जाने के कारण प्रभारित आरोप पूर्णतः प्रमाणित पाये गये अतः बैंक कर्मचारी सेवा (नियोजन निबंधन एवं उनकी कार्यस्थिति) नियम 1982 के नियम क0 57 (एक) गंभीर दंड अंतर्गत क्र० (अ) में श्रीमती रुची पाण्डेय पूर्ण सेवाकाल की अवधि के लिये वर्तमान पद (लिपिक सह कम्प्युटर आपरेटर) से निम्न श्रेणी के वेतनमान (प्रारंभिक मूल वेतन) में पदावनत करना। श्रीमती रुची पाण्डेय को भविष्य में लिपिक सह कम्युटर आपरेटर के पद पर प्राप्त होने वाली वेतन वृध्दि पाने की पात्रता होगी, का दंड दिये जाने का निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया। श्रीमती रुची पाण्डेय लिपिक सह कम्प्युटर आपरेटर के प्रारंभिक वेतन प्राप्त करने की अधिकारी होगी।

04. श्रीमती अनामिका साव, प्र०शा०प्र०, बस स्टैंड बैंक के विभिन्न मदों के बीजीएल खाते से श्रीमती रुची पाण्डेय के द्वारा अपने स्वयं के सेविंग खाता क्रमांक 106000011758 में जमा कर राशि 143988.00 रू. का गबन करते हुए बैंक को आर्थिक क्षति कारित की गई हैं, जिसमें श्रीमती अनामिका साव की आई०डी० प्रयुक्त की गई थी।

05. श्रीमती अनुपमा तिवारी, लिपिक सह कम्प्युटर आपरेटर, बस स्टैंड बैंक के विभिन्न मदों के बीजीएल खाते से श्रीमती रुची पाण्डेय के द्वारा अपने स्वयं के सेविंग खाता क्रमांक 106000011758 में जमा कर राशि 143988.00 रू. का गबन करते हुए बैंक को आर्थिक क्षति कारित की गई हैं, जिसमें श्रीमती अनामिका साव की आई०डी० प्रयुक्त की गई थी।

बाबासाहेब अंबेडकर जी के ऊपर किए गए टिप्पणी के विरोध में प्रदर्शन कल

06. श्री अशोक कुमार पटेल, लिपिक सह कम्प्युटर आपरेटर, अड़भड इनके द्वारा शाखा बलौदा में कैशियर रहने के दौरान कम रकबे वाले कृषक को अधिक रकबा दर्शाकर राशि आहरित कराये जाने में संलिप्तता पाये जाने पर बैंक कर्मचारी सेवा (नियोजन निबंधन एवं उनकी कार्यस्थिति) नियम 1982 के नियम क0 57(2) (द) के अंतर्गत साधारण दंड की श्रेणी में आता है, साथ ही तात्कालीन शाखा प्रबंधक श्री करुणेश चंद्राकर, सेवा पृथक कनिष्ठ लिपिक को स्टाफ उप समिति की बैठक दिनांक 20. 06.2024 में सेवा पृथक किये जाने का निर्णय उक्त प्रकरण में लिया गया है। जांच प्रतिवेदन का निष्कर्ष समाधानकारक नही पाये जाने के कारण एवं तात्कालीन शाखा प्रबंधक श्री करुणेश चंद्राकर के द्वारा संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थायें संभाग बिलासपुर में सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 58 (ख) दिये गये बयान के परिपेक्ष्य में श्री अशोक कुमार पटेल की संलिप्तता प्रथम दृष्टया परिलक्षित होती है। सहकारिता विभाग के द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन में आरोप के समर्थन में निष्कर्ष प्रगट होता है।

Attachment File

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

   
                    WhatsApp Group                             Join Now