आईटीआई प्रशिक्षण अधिकारी भर्ती में फर्जी बैंक स्टेटमेंट के माध्यम से नियमित भर्ती में दिया गया कार्यग्रहण आदेश, अब जाकर भूल सुधारने के लिए FIR के आदेश
आईटीआई प्रशिक्षण अधिकारी भर्ती में फर्जी नियुक्ति पर संचालक ने दिए FIR करवाने के आदेश-
रोजगार तकनीकी शिक्षा विभाग की बड़ी चूक, फर्जी आवेदन को सत्यापित कर नियमित नौकरी में दे दिया कार्यग्रहण-
रायपुर। रोजगार तकनीकी शिक्षा विभाग के अंतर्गत आईटीआई में नियमित प्रशिक्षण अधिकारियों के भर्ती करने के लिए विज्ञापन निकाला गया था जिसमें कई त्रुटि होने के कारण मामला सुरु से ही विवादों में रह इसके साथ ही भर्ती विज्ञापन दिनांक से लेकर आज तक पूरे तरह से पदों को नही भरा जा चुका है, बहुत से आवेदन करता विभाग के भर्ती नियम के खिलाफ उच्च न्यायालय में केस दायर कर अपनी पारी का इन्तेजार कर रहें है।
इसके साथ ही मामला में विवाद और तब बढ़ गया जब नियमित तौर से कार्य कर रहें प्रशिक्षण अधिकारियों के नाम से विभाग के पास फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी करने की शिकायत आने लगी तब कहीं जा के रोजगार तकनीकी शिक्षा विभाग के अधिकारियों की नींद खुली और जांच के आदेश जारी किया गए जिसमें बहुत से शिकायतें सही पाई गई और पुनः दस्तावेजों की जांच की गई, जांच करने के उपरांत ऐसा एक मामला सामने आया जिसमें अनुभव प्रमाण पत्र के साथ वेतन भुगतान के लिए बैंक स्टेटमेंट की सत्यापित कॉपी की जांच की गई, जांच में पाया गया कि बैंक स्टेटमेंट में PDF कॉपी में छेड़छाड़ कर बैंक स्टेटमेंट में कंप्यूटर के द्वारा pdf को एडिट कर फर्जी बैंक स्टेटमेंट तैयार किया गया था, जिसके माध्यम से नौकरी प्राप्त की गई है।
आप को बता दें कि मामला बढ़ते ही संचालनालय आदेश क्रमांक 321 दिनांक 23.01.2024 द्वारा सुश्री वर्षा रानी पिता श्री सुभाष प्रसाद गुप्ता को प्रशिक्षण अधिकारी व्यवसाय-कम्प्यूटर एंड प्रोग्रामिंग असिस्टेंट के पद पर औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था, रामानुजगंज जिला- बलरामपुर- रामानुजगंज में 03 वर्ष की अवधि पर पदस्थ किया गया। जिसके माध्यम से वर्षा रानी द्वारा 30/01/2024 को संस्था में कार्यग्रहण कर लिया।
शिकायत के बाद हुवे जांच में पाया गया कि वर्षा रानी के द्वारा स्वयं प्रभा आईटीआई पेंड्रारोड मरवाही से फर्जी तरीके से छेड़छाड़ तथा गलत तरह से बैंक स्टेटमेंट जमा किये जाने संबंधी प्राप्त शिकायत की जांच संयुक्त संचालक क्षेत्रीय कार्यालय बिलासपुर से कराई गई जिसमें आवेदन कर्ता द्वारा प्रस्तुत किये गए बैंक स्टेटमेंट 03.04.2019 से 19.04.2020 के माध्यम इंद्राज वेतन भुगतान राशि रु 7000 फर्जी तरह से दर्ज की गयी है जिसकी पुष्टि संबंधित बैंक द्वारा की गयी है।
इसके बाद वर्षा रानी के नियुक्त निरस्त करते हुवे सेवा से पृथक किया गया साथ ही संयुक्त संचालक क्षेत्रीय कार्यालय सरगुजा को वर्षा रानी के विरूद्ध छल पूर्वक नियुक्त प्राप्त करने के लिए FIR करने के निर्देश दिये।
विभागीय आदेश-FIR letter