कोलवाशरी के विरुद्ध जनसुनवाई में छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना का जोरदार विरोध प्रदर्शन- अजय सूर्या

कोलवाशरी के विरुद्ध जनसुनवाई में छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना का जोरदार विरोध प्रदर्शन- अजय सूर्या

बिलासपुर, 25 अगस्त 2025।
मस्तूरी विकासखंड के रैलिया-भिलाई गांव में प्रस्तावित अरपा कोल बेनीफिकेशन परियोजना के विरोध में आयोजित जनसुनवाई के दौरान आज खैरा गांव में छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना के पदाधिकारियों ने दहाड़ते हुए विरोध दर्ज कराया।

ग्रामीणों के साथ मिलकर क्रान्ति सेना के कार्यकर्ताओं ने स्पष्ट कहा कि कोलवाशरी खुलने से किसानों की उपजाऊ जमीन बर्बाद होगी, प्रदूषण बढ़ेगा और पूरे क्षेत्र का पर्यावरण संकट में आ जाएगा। सभा में मौजूद संगठन के पदाधिकारियों ने जोर देते हुए कहा कि सरकार कॉरपोरेट कंपनियों के मुनाफे के लिए गांव की जमीन और जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रही है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

क्रान्ति सेना के मस्तूरी ब्लॉक संयोजक प्रदीप साहू ने कहा कि कोलवाशरी से उठने वाली कोयला धूल और राख के कारण 500 मीटर के दायरे में रहने वाले ग्रामीण गंभीर बीमारियों की चपेट में आएंगे। वहीं भू-जल प्रदूषण से गांव की फसल, पशु और पेयजल व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित होगी।

जनसुनवाई स्थल पर पहुंचे जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के जिला उपाध्यक्ष बॉबी पात्रे ने ग्रामीणों के हक में जोरदार नारेबाजी की और प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि परियोजना को जबरन लागू करने की कोशिश की गई तो सड़क से सदन तक उग्र आंदोलन जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के द्वारा किया जाएगा।

सभा में मौजूद छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना के मस्तूरी ब्लॉक अध्यक्ष अश्वनी गोयल ने स्पष्ट कहा कि प्रदेश सरकार कॉरपोरेट कंपनियों के दबाव में काम कर रही है और जनता के हितों को दरकिनार कर रही है। उन्होंने प्रशासन को आगाह किया कि यदि परियोजना को जबरन लागू करने का प्रयास हुआ तो सड़क से लेकर सदन तक व्यापक आंदोलन छेड़ा जाएगा।

इस दौरान खैरा सहित आसपास के कई गांवों से पहुंचे ग्रामीणों ने हाथ उठाकर कोलवाशरी परियोजना के खिलाफ एकजुटता होकर “कोलवाशरी बंद करो – जल-जंगल-जमीन बचाओ” के नारों से माहौल गूंज उठा।

जनसुनवाई में भारी पुलिस बल और जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी के बीच ग्रामीणों ने पूरी मजबूती से अपनी बात रखी। सुनवाई के दौरान जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के नेताओं के साथ छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना के पदाधिकारियों का ग्रामीणों के समर्थन में कोलवाशरी को रद्द करने की मांग की और कहा कि किसानों की जमीन और स्वास्थ्य से खिलवाड़ किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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