सुशासन तिहार में छत्तीसगढ़ी भाषा में पढ़ाई लिखाई कराने की मांग को स्पष्ट नही है कहे कर निराकृत कर दिया गया !
छत्तीसगढ़ में कार्य कर रहे अधिकारी को नही आती छत्तीसगढ़ी कैसे समझेंगे जनता की समस्या?
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा 08 से 11 अप्रैल तक सुशासन तिहार के माध्यम से लोगो की समस्या का समाधान करने के लिए आवेदन लिए जा रहे थे जिसके तहत बिलासपुर के युवा साहित्यकार श्री अनिल कुमार पाली ने छत्तीसगढ़ी भाषा मे पढ़ाई लिखाई करने की मांग राज्य सरकार से की थी, जिसके जवाब में सरकार की ओर से अपर संचालक उच्च शिक्षा क्षेत्रीय कार्यालय बिलासपुर के द्वारा यह कह कर आवेदन को निराकृत कर दिया गया कि पोर्टल में कुछ भी अंकित नही हो रहा है, जबकि स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि युवक के माध्यम से सुशासन तिहार के पोर्टल के माध्यम से छत्तीसगढ़ी भाषा में आवेदन लिख कर छत्तीसगढ़ी भाषा को स्कूल शिक्षा में अनिवार्य करते हुवे, नई शिक्षा नीति 2020 के तहत छत्तीसगढ़ी में पढ़ाई करवाने की मांग राज्य सरकार से की है इसके बाद भी अधिकारियों के द्वारा स्पष्ट अंकित नही होने का हवाला दे कर आवेदन निराकृत कर देना राज्य सरकारी की छवि धूमिल करने वाला निर्माण है।
आवेदन से मिले जवाब से असंतुष्ट होकर युवक ने छत्तीसगढ़ सरकार के सुशासन तिहार को केवल ढकोसला बताया है, जिससे छत्तीसगढ़ की जनता को गुमराह किया जा रहा है।