रायपुर में कानून व्यवस्था पर सवाल: सराफा कारोबारी की कनपटी पर तानी पिस्टल, जिलाबदर बदमाश के खिलाफ FIR में नाम तक नहीं

खौफ में कारोबारी ने पिछले 8 दिनों से दुकान नहीं खोली, CCTV फुटेज होने के बावजूद पुलिस ठोस कार्रवाई से बच रही

रायपुर में सराफा कारोबारी की कनपटी पर तानी पिस्टल, जिलाबदर बदमाश के खिलाफ FIR में नाम तक नहीं

 

सराफा कारोबारी ने बताया—बदमाशों ने माउजर तानकर कहा, ‘कहां गोली मारें?’

 

रायपुर। आरुग न्यूज। अनिल कुमार पाली

रायपुर की विधानसभा थाना क्षेत्र अंतर्गत सड्डू के एकता चौक में एक सराफा कारोबारी की कनपटी पर पिस्टल तानने का मामला सामने आया है, जिसने राजधानी की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। महाकालेश्वर ज्वेलर्स के संचालक मुकेश सोनी ने जिलाबदर और निगरानीशुदा बदमाश यासीन अली ईरानी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि 5 फरवरी को उसके गुर्गों ने दुकान में घुसकर उसकी कनपटी पर माउजर तान दी और धमकाया कि वह सोने की दो अंगूठियां उधारी में बनाए, वरना अंजाम भुगतने को तैयार रहे। कारोबारी का कहना है कि यासीन अली ईरानी उसे जबरन सोने की दो अंगूठियां बनाने का दबाव डाल रहा था, लेकिन जब उसने 75% एडवांस भुगतान मांगा, तो यासीन ने गुंडे भेजकर उसे धमकाने की साजिश रच दी।

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि पीड़ित कारोबारी के घर और दुकान के आसपास आज भी संदिग्ध लोग रेकी कर रहे थे, लेकिन पुलिस अब तक आरोपियों को खुली छूट दिए हुए है।

‘कहां गोली मारें?’ दुकान में घुसे दो गुंडे, ग्राहक आने से बची जान

पीड़ित कारोबारी के अनुसार, 5 फरवरी को दो युवक उसकी दुकान में घुसे, पिस्टल निकालकर कनपटी पर तान दी और बोले—‘कहां गोली मारें?’ उसी दौरान दोनों गुंडों ने यासीन अली को फोन भी मिलाया था। महिला ग्राहक के दुकान में प्रवेश करते ही गुंडे मौके से फरार हो गए। घटना का पूरा CCTV फुटेज मौजूद, लेकिन पुलिस ने FIR में गंभीर धाराएं नहीं जोड़ी।

पुलिस पर गंभीर आरोप: FIR से पिस्टल की धमकी वाला हिस्सा ही गायब कारोबारी का आरोप है कि पुलिस ने उसकी शिकायत में हेरफेर कर दी और FIR में पिस्टल वाली घटना को शामिल ही नहीं किया।

 

लेकिन बड़ा सवाल यह है कि जब पीड़ित के पास पूरी घटना का CCTV फुटेज मौजूद है, तो FIR से पिस्टल वाली घटना क्यों हटा दी गई?

खौफ में बंद दुकान, लेकिन पुलिस निष्क्रिय

सराफा कारोबारी मुकेश सोनी पिछले 8 दिनों से दुकान नहीं खोल रहे हैं। वह लगातार पुलिस से इंसाफ की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन FIR में छेड़छाड़ और मुख्य आरोपी को बचाने की कोशिश से वे हताश हो चुके हैं।

CCTV फुटेज में आरोपियों की हरकत साफ-साफ कैद होने के बावजूद पुलिस उचित कार्रवाई से बच रही है।
पुलिस का कहना है कि दुकान के बाहर लगे कैमरों में पिस्टल की पुष्टि नहीं हो रही, जबकि घटना दुकान के अंदर हुई थी।
आरोपी फरार हैं, लेकिन मुख्य मास्टरमाइंड यासीन अली ईरानी पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।

क्या रायपुर में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गई है?

रायपुर जैसे संवेदनशील शहर में यदि अपराधी सरेआम दुकान में घुसकर कारोबारी की कनपटी पर पिस्टल रख सकते हैं और FIR तक में उन्हें बचाया जा सकता है, तो यह कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।

अगर पुलिस ऐसे मामलों को गंभीरता से नहीं लेगी, तो राजधानी में व्यापारियों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित होगी?
क्या अपराधियों के लिए रायपुर पुलिस का कोई खौफ नहीं बचा?

अब देखना होगा कि पुलिस इस मामले में निष्पक्ष कार्रवाई करती है या फिर अपराधियों को संरक्षण देने के आरोप और गहराते हैं।

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