मछली पालन नई बल्कि शौर्य के नाम पर बिलासा दाई राज्य अलंकरण पुरस्कार दिया जाए: पुनीराम सूर्यवंशी

मछली पालन नई बल्कि शौर्य के नाम पर बिलासा दाई राज्य अलंकरण पुरस्कार दिया जाए: पुनीराम सूर्यवंशी-

जयंती पर क्रांति सेना ने बिलासा दाई को किया याद।

बिलासपुर। (आरुग न्यूज़) बिलासपुर शहर को बसाने वाली बिलासा दाई को उनके जयंती पर छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना द्वारा याद किया गया। शहर के हृदय स्थल स्थित शनिचरी में बिलासा दाई के मूर्ति का चरण पखारकर संगठन के सेनानी ने उन्हें याद किया ।

इस अवसर पर संगठन के पुनीराम सूर्यवंशी ने बताया कि हमारे छत्तीसगढ़िया पुरखो का पूरे प्रदेश में हाल बेहाल है , बिलासा दाई को भी केवल मछली का टोकरी पकडा के मूर्ति बैठा दिया गया है जबकि वह हमारे देश के सबसे पराक्रमी, साहसी महिलाओं में से एक थी । उन्होंने न केवल मुगल दरबार में अपने खड़ग विद्या का प्रदर्शन किया बल्कि तत्कालीन अरपा नदी के घनघोर जंगल में रहने वाले कडडा शेर और खिसा वाले सुहरा को मारकर छत्तीसगढ़ियों की रक्षा किया लेकिन दुर्भाग्य से उनके साहस को किनारे में रखकर केवल मछली वाली टोकरी के साथ उनका चित्र प्रदर्शित किया जाता है क्योंकि वह छत्तीसगढ़िया मछुआरा समाज से थी। जिसका हम कड़े शब्दों में निंदा करते है।

वहीं सेनानी लोकेश कौशिक ने बताया कि हम राज्य और केंद्र सरकार से मांग करते है कि छत्तीसगढ़ महतारी के लाडली बेटी दाई बिलासा नाम से क्रमशः देश एवं प्रदेश स्तरीय शौर्य पुरस्कार कि घोषणा किया जाए। इस अवसर पर बॉबी पात्र, संजय यादव , अश्वनी गोयल समेत दर्जनों सेनानी उपस्थित रहे।

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